उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर प्रशासन का शिकंजा: 15 दिनों में 52 मदरसे सील

ख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर देहरादून के विकासनगर में 12 और खटीमा में 9 मदरसों पर कार्रवाई; धर्म की आड़ में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की साजिश का आरोप

उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पिछले 15 दिनों में प्रदेशभर में 52 अवैध मदरसों को सील किया गया है। इसमें देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में मंगलवार को 12 मदरसों पर कार्रवाई की गई, जबकि खटीमा में 9 मदरसों को सील किया गया

अवैध मदरसों की पहचान और कार्रवाई

देहरादून के विकासनगर और सहसपुर क्षेत्रों में प्रशासन की संयुक्त टीम ने अवैध रूप से संचालित मदरसों की पहचान की। इनमें से कई मदरसे बिना पंजीकरण और आवश्यक स्वीकृतियों के चल रहे थे। जांच में पाया गया कि ये मदरसे गैर-आवासीय निजी भवनों में संचालित हो रहे थे, जिनके पास मान्यता नहीं थी। प्रशासन ने नियमों के उल्लंघन और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के चलते इन मदरसों को सील कर दिया।

कार्रवाई के दौरान विरोध और प्रशासन की प्रतिक्रिया

मदरसों को सील करने की कार्रवाई के दौरान मुस्लिम सेवा संगठन और कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बावजूद, प्रशासन ने कानून के मुताबिक कार्रवाई पूरी की। विकासनगर के एसडीएम विनोद कुमार के नेतृत्व में तहसील प्रशासन, पुलिस प्रशासन और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की संयुक्त टीम ने यह अभियान चलाया। एसडीएम ने बताया कि सरकारी आदेशों के तहत अवैध रूप से संचालित मदरसों को बंद करने की कार्रवाई की जा रही है।

भविष्य की कार्रवाई और बच्चों की शिक्षा

प्रशासन ने चेतावनी दी है कि उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा। एसडीएम ने बताया कि जिन मदरसों को सील किया गया है, वहां अध्ययनरत बच्चों का नजदीकी सरकारी स्कूलों में दाखिला कराया जाएगा, ताकि उनकी शिक्षा प्रभावित न हो।

मुख्यमंत्री का सख्त रुख

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेशभर में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उनके अनुसार, धर्म की आड़ में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है, जिसे सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार का यह कदम शिक्षा व्यवस्था को सुधारने और अवैध रूप से संचालित संस्थानों पर नियंत्रण के लिए उठाया गया है।

समुदाय की प्रतिक्रिया

प्रशासन की इस कार्रवाई से समुदाय विशेष में नाराजगी देखी जा रही है, क्योंकि रमज़ान के दौरान मदरसों को सील करना कई लोगों को अनुचित लग रहा है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह कानून के दायरे में और सरकारी आदेशों के अनुसार की जा रही है।

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य सरकार की ओर से बिना आवश्यक स्वीकृति के संचालित अवैध मदरसों को बंद करने के कदम का स्वागत किया है। आयोग ने शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि इन अवैध मदरसों में वर्तमान में पढ़ाई कर रहे सभी बच्चों को तुरंत मान्यता प्राप्त और उपयुक्त स्कूलों में शिक्षा प्रदान की जाए।

प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से मदरसा संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। भविष्य में भी अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी, जिससे प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके और बच्चों को सुरक्षित एवं मान्यता प्राप्त संस्थानों में शिक्षा मिल सके।

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